कर्मचारियों की कमी से जूझ रही DGCA, एक पायलट का लाइसेंस इश्यू करने में लग रहा महीनों का समय
DGCA Pilot License: DGCA में स्टाफ की कमी के कारण पायलटों को अपना लाइसेंस प्राप्त करने में कुछ महीनों तक का समय लग रहा है.
(Source: Pexels)
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DGCA Pilot License: एविएशन रेगुलेटर नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) को कर्मचारियों की कमी के कारण प्रशिक्षित पायलटों को लाइसेंस जारी करने में अधिक समय लग रहा है. सूत्रों ने यह जानकारी दी है. प्रशिक्षण के बाद किसी भी व्यक्ति को कॉमर्शियल विमान उड़ाने के लिए पात्र होने को वाणिज्यिक पायलट लाइसेंस (CPL) हासिल करने की जरूरत होती है. एविएशन मिनिस्ट्री से जुड़े सूत्रों ने बताया कि वर्तमान में एक पायलट को अपना लाइसेंस प्राप्त करने के लिए कुछ महीनों तक इंतजार करना पड़ता है और आने वाले दिनों में यह अवधि और बढ़ने की आशंका है.
DGCA में खाली हैं 92 पोस्ट
सूत्रों में से एक ने कहा कि परिचालन विभाग के तहत लाइसेंसिंग से संबंधित प्रशिक्षण व लाइसेंसिंग निदेशालय (DTH) में सहायक निदेशकों के कुल 129 स्वीकृत पोस्ट हैं. उनमें से 92 पोस्ट या कुल क्षमता के करीब 72 प्रतिशत रिक्त हैं. जुलाई, 2022 तक DGCA के पास सहायक निदेशकों के केवल 72 स्वीकृत पोस्ट थे. अगस्त, 2022 में मंत्रालय ने 57 नए पोस्ट सृजित किए और स्वीकृत पोस्ट बढ़कर 129 हो गए.
सूत्र ने कहा, "हालांकि, डीजीसीए 57 नए पोस्ट को भरने के लिए कोई प्रक्रिया शुरू करने में विफल रहा है. कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति या पदोन्नति के कारण खाली हुए पुराने 72 पोस्ट में से 35 भी खाली पड़े हैं."
तीन दिन में जारी होता है CPL
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DGCA महानिदेशक विक्रम देव दत्त से संपर्क किया गया, लेकिन उन्होंने मामले पर कोई टिप्पणी नहीं की. हालांकि, एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि नियुक्ति प्रक्रिया कठिन है और इसमें काफी समय लगता है. यही कारण है कि महत्वपूर्ण पदों को भरने में देरी हो रही है. DGCA को अपने 'सेवा मानक' के तहत उचित प्रक्रिया के बाद तीन दिन के भीतर CPL जारी करना होता है.
एक सूत्र ने कहा, "अधिकारियों की कमी के कारण कई सेवाओं में काम लंबित है." सूत्रों ने दावा किया कि एयर ट्रैफिक कंट्रोलर लाइसेंसिंग और एयरोड्रम लाइसेंसिंग प्रक्रियाएं भी बेहद धीमी गति से बढ़ रही है.
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09:06 PM IST